Saturday, October 24, 2009

भगवान के डाकिए /Bhagwan ke daakiye

पक्षी और बादल,
ये भगवान के डाकिए हैं
जो एक महादेश से
दूसरें महादेश को जाते हैं।
हम तो समझ नहीं पाते हैं
मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ
पेड़, पौधे, पनी और पहाड़
बाँचते हैं।

हम तो केवल यह आँकते हैं
कि एक देश की धरती
दूसरे देश को सुगंध भेजती है।
और वह सौरभ हवा में तैरते हुए
पक्षियों की पाँखों पर तिरता है।
और एक देश का भाप
दूसरे देश में पानी
बनकर गिरता है।

1 comment:

  1. YEH MERI PADHI HUI SABSE ASTHIK KAVITAO MEIN SE EK HAI , BUT MUJHE YAH SAMAJ NAHI ATA KI ITNI ACHE POETS OR UNKI ITNI ACHCHHI KAVITAO KE HOTE HUE BHI KUCHH LOG BHAGVAN PE VISHVASH KUEN NAHI KARTE

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